आपकी खोज से संबंधित
परिणाम "roz e hajamat noni ebooks"
ग़ज़ल के संबंधित परिणाम "roz e hajamat noni ebooks"
ग़ज़ल
किसी की मद भरी नज़रों से पी चुका हूँ 'हयात'
बताऊँ क्या तुम्हें बस राज़-ए-बे-ख़ुदी है यही
हयात अमरोहवी
ग़ज़ल
मख़्फ़ी है इस में राज़-ए-बक़ा-ए-हयात-ए-इश्क़
क्या पूछते हो हाल दिल-ए-बे-क़रार का
जगत मोहन लाल रवाँ
ग़ज़ल
ग़म-ए-रोज़-ओ-शब की अमीन है ये हयात फिर भी हसीन है
कहीं धूप आरज़-ए-दोस्त की कहीं साए गेसू-ए-यार के
सुरूर बाराबंकवी
ग़ज़ल
अक़्ल वालो कुछ कहो ये रिश्ता-ए-राज़-ए-हयात
क्यूँ उलझता जाए है जितना कि खुलता जाए है